नीतीश कुमार अपने CM के पद से इस्तीफा दे देने का मेंन कारण नीतीश कुमार अपने ही बातों से बताया कि उनका कोई भी ऐसा अपना लोगों के प्रति काम करने से पहले बहुत कुछ फस करना पड़ता था इसके वजह से नीतीश कुमार अपने पद से इस्तीफा दिए और अभी तक यह मालूम नहीं चला है कि नीतीश कुमार आगे चलकर किस संगठन पर वह जाएंगे ।।
…और पलट गए नीतीश कुमार pic.twitter.com/WJN3i0h3ia
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) January 28, 2024
सभी संगठनों के बारे में नीचे हम लोग जानते हैं और उनका क्या कहना है यह भी जानेंगे?
अमित शाह जी बोल रहे थे ललन बाबू और नीतीश कुमार आपके लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद कर दिए और नीतीशकुमार बोल रहे थे मर जाना कबूल है पर उनके( BJP)साथ जाना बिल्कुल नही झूठ बोल कौन रहा है
नितीश कुमार को दुनिया पलटूराम बोलती है, ये डबल ढोलकी को क्या बोलेंगे… ये तो पलटूराम के पिताजी है pic.twitter.com/Q1wpk28mFC
— Rajeev Nigam (@apnarajeevnigam) January 27, 2024
राम लहर पर भाजपा को विश्वास नहीं?
राजनीतिक धूर्तता का उदाहरण देना हो तो बिहार का देखिए। गोदी मीडिया की माने तो विश्व की सबसे बड़ी और रामलहर पर सवार बीजेपी, नीतीश कुमार को अपने पाले में लाने के लिए तरस रही है और पिछली सभी बातो पर मिट्टी डाल कर नीतीश को CM बना कर पुनः बिहार की सत्ता में हिस्सेदारी लेने जा रही है।
नीतीश कुमार ने कहा था pic.twitter.com/cxB5Bhu23i
— Ajit Anjum (@ajitanjum) January 27, 2024
वही अरसे बाद मिली सत्ता को RJD इस मौक़े पर छोड़ना नहीं चाहती और सूत्रों के अनुसार केJDU के क़रीब तीस विधायक JDU छोड़ RJD के संपर्क में है जो नीतीश द्वारा पाला बदलने की स्थिति में RJD के साथ आ जाएँगे। धूर्तता के मामले में कोई भी पार्टी किसी से कम नहीं हैं रहना चाहती है।
इधर दिल्ली में बीजेपी ने भी परिस्थितियों को देखते हुए बिहार कांग्रेस में सेंधमारीं करते हुए दस विधायकों को अपने पक्ष में करने के लिए ED और CBI झोंक रखी है। वही स्थिति को और जटिल बनाते हुए RJD ने HAM पार्टी (NDA का गठबंधन दल) के जीतनराम माँझी को CM पद का ऑफर देकर NDA में भी सेंधमारीं कर दी है ।
इन परिस्थितियों में असल सत्ता की चाभी RJD के स्पीकर के पास है जो कभी भी किसी दल के कितने भी सदस्यों को अयोग्य घोषित करकेअपने दल की सरकार बनाने के लिए निर्णायक होगा, इस तिकड़मी गणित का उदाहरण बीजेपी, कर्नाटक, MP और महाराष्ट्र में कर चुकी है , देखना होगा कि बिहार में ऊँट किस करवट बैठता है ।
परंतु बीजेपी द्वारा उठाये जा रहे कदम यह बताने के लिए पर्याप्त है कि जिस प्रकार की राम लहर के बारे में गोदी मीडिया बता रहा है, वह बीजेपी स्वयं ही स्वीकार नहीं कर पा रही है और इसी का परिणाम है कि वो बिहार में एक बार फिर से अपना थूका हुआ चाटने की लिए मजबूर है।